जोशीमठ पर अस्तित्व का खतरा बरकरार, CBRI रुड़की की अध्ययन रिपोर्ट चौकाने वाली – Janpaksh Times

जोशीमठ – उत्तराखंड राज्य के चमोली जनपद का छोटा सा पहाड़ी शहर जोशीमठ पिछले एक साल से दरक रहा है । आसान भाषा में कहें तो यहां की जमीन धस रही है और यहां के स्थानीय निवासियों के मकानो में मोटी-मोटी दरारें आ रहीं हैं । ऐसे में स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की धामी सरकार पिछले 01 साल में रेड जोन में आने वाले कई घरों को खाली भी करा चुकी है। लेकिन दिन पर दिन यहां की स्थिति और भयावह होती जा रही है । जिसकी तस्दीक CBRI ( Central Building Research Institute ) रुड़की की और से हाल ही में उत्तराखंड शासन को सौंप गई अध्ययन रिपोर्ट करती है ।

सीबीआरआई (सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) रुड़की की ओर से उत्तराखंड शासन को सौंप गई इस रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ में अभी भी 1200 घर ऐसे हैं जो की हाई रिस्क जोन में हैं । यानी की यह घर बिल्कुल भी रहने के लिए सुरक्षित नहीं है और सरकार को तत्काल प्रभाव से इन घरों को खाली कराने की जरूरत है ।

लेकिन यहां प्रदेश की धामी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जोशीमठ के लोग अपने पैतृक घरों को छोड़ना ही नहीं जा रहे हैं । ऐसे में कोई और दूसरा विकल्प न होने के चलते शासन प्रशासन जबरन हाई रिस्क जोन में मौजूद मकानों को खाली करा कर वहां का बिजली और पानी कनेक्शन काट रही है। जोशीमठ के मनोहर बाग क्षेत्र में ऊर्जा निगम और पेयजल निगम ने 28 भवनों की विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति बंद कर दी है ।